नई दिल्ली (नेहा): चिली की पूर्व राष्ट्रपति मिशेल बैचलेट को बुधवार को शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार प्रदान किया गया। इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया। पुरस्कार प्रदान करते हुए सोनिया गांधी ने न सिर्फ अपने चिली के लिए, बल्कि वैश्विक शांति के लिए बैचलेट के योगदान को याद किया।
उन्होंने कहा कि मिशेल बैचलेट ने अपने शुरुआती वर्षों में नुकसान, उत्पीड़न, यातना और निर्वासन को देखा है और बाधाओं को पारकर चिली व लैटिन अमेरिका में पहली महिला रक्षा मंत्री बनने के उनकी यात्रा को याद किया।
सोनिया ने कहा कि बैचेलेट ने तब इतिहास रच दिया जब वह दो बार अपने देश की राष्ट्रपति चुनी गईं। जब 2010 में बैचलेट को संयुक्त राष्ट्र महिला एजेंसी का पहला निदेशक और बाद में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त नियुक्त किया गया, तो उनका प्रभाव चिली और लैटिन अमेरिका की सीमाओं से कहीं आगे तक फैल गया था।
बैचलेट ने कहा, इंदिरा गांधी का मानना था कि विभिन्न देश तभी तरक्की करेंगे जब वे एक-दूसरे के साथ तालमेल करेंगे। चारों ओर संघर्ष और चुनौतियां हैं, कोई भी देश इनका अकेले समाधान नहीं कर सकता।
बैचलेट ने कहा, इंदिरा गांधी का मानना था कि विभिन्न देश तभी तरक्की करेंगे जब वे एक-दूसरे के साथ तालमेल करेंगे। चारों ओर संघर्ष और चुनौतियां हैं, कोई भी देश इनका अकेले समाधान नहीं कर सकता।


