नई दिल्ली (नेहा): कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उस नए नियम पर रोक लगा दी है जिसमें मूवी टिकट की कीमत 200 रुपये से ज्यादा नहीं होनी थी। दरअसल, कर्नाटक सरकार ने हाल ही में कर्नाटक सिनेमा (रेगुलेशन) (अमेंडमेंट) कानून बनाया था। इस कानून के तहत मल्टीप्लेक्स समेत राज्य के सभी सिनेमाघरों में, सभी भाषाओं की फिल्मों के टिकट की अधिकतम कीमत टैक्स छोड़कर 200 रुपये तय की गई थी। लेकिन इस फैसले पर अदालत ने फिलहाल अंतरिम रोक लगा दी है, यानी यह नियम तब तक लागू नहीं होगा जब तक अगली सुनवाई नहीं हो जाती। इस मामले में मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, फिल्म प्रोड्यूसर्स और बड़े सिनेमाघरों के संचालक जैसे पीवीआर और आईनोक्स के शेयरहोल्डर्स ने याचिका डाली थी। जिसका सुनवाई करते हुए जस्टिस रवि होसमानी ने ये फैसला सुनाया है।
याचिकाकर्ताओं ने मल्टीप्लेक्स और सिंगल स्क्रीन थिएटर की तुलना पर आपत्ति जताई है। उनका तर्क है कि सभी थिएटरों के लिए टिकट की कीमत 200 रुपये तय करना गलत है। क्योंकि मल्टीप्लेक्स के संचालन, तकनीक और लोकेशन पर सिंगल स्क्रीन थिएटर से काफी ज्यादा खर्च आता है। उन्होंने ये भी कहा कि IMAX, 4DX जैसे प्रीमियम फॉर्मेट को इस नियम में शामिल नहीं किया गया है। इसलिए एक समान टिकट कीमत तय करना ठीक नहीं है।
साथ ही, याचिकाकर्ताओं ने इस नियम की सेलेक्टिव अप्रोच यानी चुनिंदा तरीके पर भी सवाल उठाए हैं. ओटीटी प्लेटफॉर्म, सैटेलाइट टीवी और दूसरे मनोरंजन के साधनों को इस नियम से बाहर रखा गया है, जबकि सिनेमा हॉल्स पर इस तरह की पाबंदी लगाई गई है। इसके अलावा, इस नियम में 75 सीट या उससे कम वाली मल्टीस्क्रीन प्रीमियम सिनेमाओं को छूट दी गई है, लेकिन प्रीमियम की जो परिभाषा है, वह साफ़ नहीं है।