अमरोहा (पायल): बिके प्लाट की रजिस्ट्री को बंधक रख कर बैंक से सात लाख रुपये का ऋण ले लिया। करीब सात साल तक एक भी किस्त जमा नहीं की। जब बैंक अधिकारियों ने मामले की जांच की तो पता चला कि जिस प्लाट पर लोन लिया गया है वह वर्ष 2008 में ही बेचा जा चुका है। पूरे मामले में प्रबंधक की तहरीर पर ठेकेदार, उसकी पत्नी व जमानती के विरुद्ध पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है।
नगर के मुहल्ला चाहमुल्लामान निवासी मुरसलीन अहमद ठेकेदार हैं। 13 मार्च 2015 को उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक मंडी समिति अमरोहा की शाखा प्रबंधक से सात लाख रुपये का ऋण लिया। इसके बदले उन्होंने नगर के मुहल्ला पीरगढ़ तुर्क कालोनी में स्थित 76 वर्ग मीटर के प्लाट को बंधक बनाते हुए उसकी रजिस्ट्र्री की मूल कापी बैंक को दी थी। गारंटर के तौर पर पत्नी शबनम व मुहल्ला नल नई बस्ती निवासी ठेकेदार जाने आलम का नाम दर्ज है।
आरोप है कि ऋण लेने के बाद एक भी किस्त जमा नहीं की। 17 अगस्त 2024 तक यह ऋण मय ब्याज के आठ लाख 15 हजार 142 रुपये हो गया। तभी से बैंक द्वारा ऋण के बकाए की मांग की जा रही है। इस बीच बैंक की वसूली टीम ने प्लाट का निरीक्षण किया तो पता चला कि मुरसलीन अहमद ने जिस प्लाट पर बैंक से ऋण लिया है वह मौके पर ही नहीं है।
यह प्लाट मुरसलीन अहमद ने 19 फरवरी 2008 को मोहम्मद कासिम को बेच दिया था। जबकि बैंक से ऋण वर्ष 2015 में लिया। बैंक में जांच में पाया कि मुरसलीन अहमद ने अपने दो गारंटर के साथ साजिश के तहत बैंक से धोखाधड़ी कर ऋण लिया। लिहाजा शाखा प्रबंधक ने कोतवाली में तहरीर दी थी।
प्रभारी निरीक्षक पंकज तोमर ने बताया कि शाखा प्रबंधक की तहरीर पर मुरसलीन अहमद, उनकी पत्नी शबनम और जाने आलम के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच की जा रही है।


