मंडी (नेहा): हिमाचल प्रदेश में मानसून का असर अब कम हो रहा है, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है। मौसम विभाग ने 13 सितंबर तक मानसून के कमजोर रहने का अनुमान लगाया है। हालांकि, इस दौरान कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। कमजोर होते मानसून से जनजीवन सामान्य होने की उम्मीद है। पिछले 24 घंटों में एक राष्ट्रीय राजमार्ग और 74 अन्य सड़कें यातायात के लिए खोल दी गई हैं, जिससे लोगों को काफी सुविधा हुई है।
अभी भी कुछ स्थानों पर सड़कों की समस्या बनी हुई है। कुल्लू जिले में दो राष्ट्रीय राजमार्ग और 824 सड़कें अभी भी बंद हैं। इनमें एनएच-3 और एनएच-305 प्रमुख हैं। इसके अलावा, 1480 ट्रांसफार्मर और 336 पेयजल योजनाएं भी बाधित हैं। रविवार को सुबह हल्की बारिश के बाद धूप निकलने से सड़कों की मरम्मत और बिजली-पानी की आपूर्ति बहाल करने के काम में तेजी आई। रविवार को नारकंडा में 9 मिमी, नेरी में 7 मिमी और नाहन में 5 मिमी बारिश दर्ज की गई।
किन्नौर के पास निगुलसरी में पिछले आठ दिनों से बंद शिमला-रिकांगपिओ राष्ट्रीय राजमार्ग अब फिर से खुल गया है। मंडी जिले में रविवार शाम को झलोगी के पास कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर भूस्खलन हुआ, जिससे सड़क पर मलबा आ गया। हालांकि, एक घंटे के भीतर ही इसे साफ कर दिया गया और यातायात बहाल हो गया।
सुरक्षा के मद्देनजर, कीरतपुर-मनाली फोरलेन को झलोगी के पास रविवार रात 8 बजे से सोमवार सुबह 8 बजे तक बंद रखा गया। बंजार के दूरदराज इलाकों जैसे श्रीकोट और निहारनी में वायु सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर द्वारा 78 क्विंटल राशन पहुंचाया गया। यह राशन हवा से नीचे गिराया गया, जिससे इन क्षेत्रों के लोगों को बहुत मदद मिली। एक अच्छी खबर यह भी है कि कालका-शिमला रेलमार्ग पर सोमवार से सभी ट्रेन सेवाएं सामान्य रूप से शुरू हो गई हैं, जिससे यात्रियों को बड़ी राहत मिली है।