दिल्ली (नेहा): मानसिक तनाव और पैसे की तंगी से परेशान एक महिला और उसके दो बेटों ने शुक्रवार को कालकाजी इलाके में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। तीनों के शव उनके घर में पंखे से लटके मिले। सूचना मिलने पर कालकाजी थाना पुलिस पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सुरक्षित रख लिया। शुरुआती जांच में पुलिस को कमरे से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें लिखा था कि तीनों पैसे की तंगी और घर टूटने की वजह से मानसिक तनाव में थे।
पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है। साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस ने बताया कि मरने वालों में 52 साल की अनुराधा कपूर, उनका बेटा 32 साल का आशीष कपूर और उनका छोटा बेटा 27 साल का चैतन्य कपूर शामिल हैं। वे कालकाजी इलाके के जी ब्लॉक के मकान नंबर B-70 में रहते थे। उन्होंने बताया कि दोपहर करीब 2:45 बजे एक पुलिसवाला कोर्ट का नोटिस लेकर उनके घर पहुंचा।
पुलिसवाले ने कई बार गेट और डोरबेल बजाई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। शक होने पर उन्होंने मामले की सूचना कालकाजी पुलिस स्टेशन में दी। जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची, तो घर का गेट अंदर से बंद मिला। उन्होंने एक चाबी वाले को बुलाया और डुप्लीकेट चाबी से दरवाजा खोला। वे अंदर गए तो तीनों फंदे से लटके हुए मिले। पुलिस ने उन्हें फंदे से नीचे उतारा और अस्पताल भेजा, जहां डॉक्टर ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रखवा दिया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घर में एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें परिवार की परेशानी का जिक्र है। पुलिस ने नोट जब्त कर लिया है। पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में पता चला है कि परिवार पैसे की तंगी से भी जूझ रहा था। जिस घर में वे रहते थे, उसे लेकर उनका पड़ोसी से झगड़ा चल रहा था। दूसरी पार्टी ने कोर्ट में केस जीत लिया, जिसके बाद कोर्ट ने घर खाली करने का आदेश दिया। सूत्रों के मुताबिक, पुलिसकर्मी शुक्रवार को घर खाली करने का कोर्ट का नोटिस देने गया था।


