पटना (पायल): सफलता सिर्फ मेहनत से नहीं, बल्कि मजबूत हौसले और मुश्किल हालातों से लड़ने की क्षमता से मिलती है। बिहार के बक्सर की रहने वाली गरिमा लोहिया (IAS Garima Lohia) ने इसे सच कर दिखाया। पिता के निधन और आर्थिक चुनौतियों के बावजूद उन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2022 में ऑल इंडिया रैंक 2 हासिल कर पूरे देश में मिसाल कायम की।
बिहार के बक्सर की रहने वाली गरिमा लोहिया ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई वुट स्टॉक स्कूल और 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई सनबीम भगवानपुर से पूरी की। आगे की पढ़ाई के लिए वे दिल्ली गईं, जहां उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से बी.कॉम की डिग्री हासिल की।
गरिमा के पिता चाहते थे कि उनकी बेटी IAS बने। लेकिन साल 2015 में पिता के निधन ने परिवार को झकझोर दिया। ऐसे समय में उनकी मां ने न सिर्फ परिवार को संभाला बल्कि गरिमा का मनोबल भी बढ़ाया। गरिमा बताती हैं कि उनकी पूरी सफलता का श्रेय उनकी मां को जाता है।
कोविड-19 महामारी के दौरान कोचिंग संस्थान बंद हो गए, जिसके बाद गरिमा घर लौट आईं। सीमित संसाधनों और स्टडी मटेरियल की कमी के बावजूद उन्होंने यूट्यूब और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की मदद से तैयारी जारी रखी। पहले प्रयास में असफल होने के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और रणनीति बदलकर दोबारा मेहनत की।
कड़ी मेहनत और लगातार फोकस ने आखिरकार परिणाम दिया। अपने दूसरे प्रयास में गरिमा लोहिया ने UPSC 2022 में AIR-2 हासिल की और पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा। उनकी सफलता आज लाखों छात्रों और विशेष रूप से देश की बेटियों के लिए प्रेरणा बन चुकी है।
UPSC में टॉप करने के बाद गरिमा को बिहार कैडर मिला। वर्तमान में वे पालीगंज में SDM के पद पर तैनात हैं और लोगों के लिए एक ईमानदार और संवेदनशील अधिकारी के रूप में कार्य कर रही हैं। गरिमा लोहिया की कहानी साबित करती है कि कठिनाइयां चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हों, मजबूत इच्छाशक्ति और निरंतर प्रयास से सफलता पाई जा सकती है। उनकी UPSC Success Story देशभर के युवाओं के लिए प्रेरणादायक उदाहरण है।


