नई दिल्ली (नेहा): एलन मस्क की ब्रेन चिप बनाने वाली कंपनी न्यूरालिंक अगले महीने एक अहम परीक्षण करने वाली है। यह क्लिनिकल अध्ययन अमेरिका में होगा और इसमें दिमाग में लगाए जाने वाले इम्प्लांट से विचारों को सीधे टेक्स्ट में बदलने की तकनीक का इस्तेमाल होगा। यह परीक्षण अमेरिकी FDA की जांच उपकरण छूट के तहत होगा। कंपनी के अध्यक्ष डीजे सेओ का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति कुछ कहने की कल्पना करता है, तो यह तकनीक उस विचार को पहचान सकेगी।
यह तकनीक वाणी बाधित लोगों को विचारों से कंप्यूटर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। मरीज वर्चुअल कीबोर्ड के जरिये बिना बोले मैसेज भेज पाएंगे। मरीज के स्पीच कॉर्टेक्स से सीधे विचारों को समझने से काम तेज होगा और बीच के उपकरणों की जरूरत कम होगी। इससे संवाद आसान होगा और गंभीर रूप से विकलांग लोग अपने विचार तेजी से साझा कर सकेंगे। यह तकनीक उन्हें रोजमर्रा के काम में नई आजादी दे सकती है।