नई दिल्ली (पायल): नए साल की शुरुआत के साथ देशवासियों को एक बड़ी सौगात मिलने वाली है। यानि की सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी लाइनों से छुटकारा दिलाने के लिए एक आधुनिक ‘कैमरा बेस्ड टोलिंग सिस्टम’ (ANPR) का रोडमैप तैयार किया है। इस तकनीक के आने के बाद यात्रियों को टोल भुगतान के लिए अपनी गाड़ी रोकने या धीमी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार सरकार का लक्ष्य टोल प्लाजा पर Waiting Time को शून्य मिनट पर लाना है। इसके लिए MLFF (मल्टी लेन फ्री फ्लो) तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस तकनीक के बाद एक्सप्रेसवे से धीरे-धीरे फिजिकल टोल बैरियर हटा दिए जाएंगे। जबकि हाईवे पर हाई-रेजोल्यूशन Automatic Number Plate Recognition (ANPR) कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे 80 kmp की रफ्तार से दौड़ती गाड़ियों की नंबर प्लेट को भी आसानी से स्कैन कर सकेंगे।
इसके बाद ऑटोमैटिक भुगतान के लिए गाड़ी का नंबर प्लेट सीधे आपके FASTag और बैंक खाते से लिंक किया जाएगा। जैसे ही गाड़ी इन कैमरों के नीचे से गुजरेगी, तय की गई दूरी के आधार पर टोल अपने आप कट जाएगा।
इस नए सिस्टम का ट्रायल दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (DME) पर सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। नए साल से इसकी शुरुआत उन एक्सप्रेसवे और हाईवे से की जाएगी जहां वाहनों का दबाव सबसे अधिक रहता है। यह दिल्ली-एनसीआर और मुंबई जैसे व्यस्त शहरों को जोड़ने वाले हाईवे। जिन हाईवे पर टोल प्लाजा बहुत पास-पास हैं, वहां एक प्लाजा हटाकर कैमरा आधारित सिस्टम लगाया जाएगा।
सरकार के अनुमान के मुताबिक इस डिजिटल सिस्टम से सालाना लगभग 1,500 करोड़ रुपये के ईंधन की बचत होगी क्योंकि गाड़ियों को टोल पर खड़ा होकर इंजन चालू नहीं रखना पड़ेगा। साथ ही टोल चोरी रुकने से सरकारी राजस्व में करीब 6,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।


