नई दिल्ली (राघव): भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों को बिना किसी वीजा के भारत आने की अनुमति देने वाले ओवरसीज सिटीजन आफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड से संबंधित नियमों को सख्त करते हुए गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की है।
इसमें कहा गया है कि अगर कार्डधारक प्रवासी भारतीय नागरिक को किसी गंभीर अपराध का दोषी पाया जाता है, कम से कम दो साल की जेल की सजा सुनाई गई है या गंभीर आरोपों वाले मामलों में सात साल या उससे अधिक की कैद की सजा वाले अपराध के लिए औपचारिक रूप से आरोप पत्र में नाम दर्ज है, तो उनका ओसीआई कार्ड रद कर दिया जाएगा।
अधिसूचना में कहा गया है, ”नागरिकता अधिनियम, 1955 (1955 का 57) की धारा 7डी के खंड (डीए) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार यह स्पष्ट करती है कि किसी प्रवासी भारतीय नागरिक (ओसीआई) का पंजीकरण तब रद किया जा सकता है जब उसे कम से कम दो वर्ष की कारावास की सजा सुनाई गई हो या सात वर्ष या उससे अधिक कारावास की सजा वाले अपराध के लिए आरोप-पत्र दाखिल किया गया हो।”
गौरतलब है कि ओसीआई योजना अगस्त, 2005 में शुरू की गई थी। यह भारतीय मूल के सभी व्यक्तियों के ओसीआई के रूप में पंजीकरण का प्रविधान करती है जो 26 जनवरी, 1950 या उसके बाद भारत के नागरिक थे या 26 जनवरी, 1950 को भारत के नागरिक बनने के पात्र थे, सिवाय उन लोगों के जो पाकिस्तान, बांग्लादेश या ऐसे किसी अन्य देश के नागरिक हैं या रहे हैं जिसे केंद्र सरकार आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना द्वारा निर्दिष्ट करे।