नई दिल्ली (नेहा): केंद्र सरकार की ओर से गंभीर आपराधिक मामले में गिरफ्तार होने पर पीएम, सीएम, और मंत्री को पद से हटाने का नियम लेकर आ रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार, 20 अगस्त को लोकसभा में इससे जुड़े 3 बिल पेश करेंगे। वह इन विधेयकों को संसद की एक संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव भी पेश करेंगे। विधेयक के मुताबिक, पीएम, सीएम, और मंत्री 30 दिन तक हिरासत में रहते हैं तो उनको बर्खास्त कर दिया जाएगा। बिल में खास बात ये भी है कि जेल से बाहर आने के बाद मंत्री को पद पर दोबारा नियुक्त नहीं किया जाएगा।
केंद्र शासित प्रदेश सरकार विधेयक 2025 के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश सरकार अधिनियम, 1963 के तहत गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए सीएम या मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे मामलों में सीएम या मंत्री को हटाने के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश सरकार अधिनियम, 1963 की धारा 45 में संशोधन करने की जरूरत है।
वहीं, संविधान विधेयक, 2025 के उद्देश्यों के अनुसार, संविधान के तहत गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए ऐसे मामलों में पीएम या केंद्रीय मंत्रिपरिषद के किसी मंत्री और राज्यों और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्यमंत्री या मंत्रिपरिषद के किसी मंत्री को हटाने के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करने के उद्देश्य से संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239एए में संशोधन की जरूरत है।
इसके साथ ही जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2025 के उद्देश्यों के अनुसार, जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए ऐसे मामलों में सीएम या मंत्री को हटाने के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करने हेतु जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 54 में संशोधन की जरूरत है।