नई दिल्ली (राघव): प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ बैठक की। जिसमें दुनियाभर का दौरा करके आए लगभग सभी सांसदों ने भाग लिया। वहीं AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी इस बैठक में शामिल नहीं हुए। ओवैसी की इस गैरहाजिरी ने लोगों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए। क्योंकि पहलगाम हमले के बाद से ही ओवैसी सरकार का साथ देते नजर आए, लेकिन अंत में जाकर ऐसा क्या हुआ कि ओवैसी पीएम के साथ बैठक में ही शामिल नहीं हुए?
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने डेलिगेशन समूह के उन सभी सदस्यों से मुलाकात की जो दुनियाभर में पाकिस्तान के खिलाफ भारत का पक्ष रखकर वापस लौटे। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा पीएम ने सभी का व्यक्तिगत रूप से आभार जताया। डेलिगेशन की इस बैठक में ओवैसी की गैरहाजिरी ने उन पर कई सवाल खड़े कर दिए। लोगों के सभी सवालों का जवाब देते हुए ओवैसी ने बैठक में शामिल न होने का कारण बताया। उन्होंने कहा कि मैं देश से बाहर हूं। मुझे मेडिकल इमरजेंसी के कारण दुबई जाना पड़ा। मेरे रिश्तेदार और बचपन के दोस्त की तबीयत खराब होने के कारण मुझे अचानक जाना पड़ा। मैंने अपने प्रतिनिधिमंडल के नेता बैजयंत पांडा को इस बारे में सूचित कर दिया था। उन्होंने लोगों को स्पष्ट किया कि बैठक में न शामिल होना उनकी व्यक्तिगत मजबूरी थी, न कि वह राजनीतिक कारणों की वजह से इस बैठक में शामिल नहीं हुए।
पहलगाम हमले बाद से ओवैसी सरकार का साथ देते नजर आए। वह डेलिगेशन समूह का हिस्सा बने और दुनिया भर के कई देशों में भारत का पक्ष बड़ी ही बेबाकी से रखा। उन्होंने अरब , कुवैत, बहरीन और अलजेरिया देशों की यात्रा की और पाकिस्तान की पोल खोली। उन्होंने पाकिस्तान का असली चेहरा दुनिया को दिखाते हुए कहा कि पाकिस्तान सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा है। उनके साथ डेलिगेशन में बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा, निशिकांत दुबे, फांगनोन कोन्याक, रेखा शर्मा, सतनाम सिंह संधू. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद और राजनायिक हर्षवर्धन श्रृंगला शामिल थे।
पहलगाम हमले के बाद ओवैसी ने पाकिस्तान पर जमकर तीखे बोल बोले। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से हुए इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इसके आगे उन्होंने कहा कि माना कि AIMIM और बीजेपी की विचारधारा अलग है, उससे हम हमेशा लड़ते रहेंगे। ये हमारे आपस की बात है। लेकिन जब देश की बात आती है और कोई दूसरा देश हमारे घर में घुसकर हमारे ही लोगों को मारेगा तो वैचारिक मतभेद या राजनीति करने का कोई सवाल ही नहीं उठता। ऐसे समय में हम सभी भारतवासी एक हैं और भारत के लोगों के साथ खड़े हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की इस बैठक का मकसद सिर्फ लोगों से उनकी डेलीगेशन को लेकर राय जानना था। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पीएम को बताया कि उन्होंने जिस-जिस देश का दौरा किया, उन लोगों को यह विचार काफी पसंद आया। थरूर ने कहा कि हम सभी ने पीएम को सुझाव दिया कि इस तरह के विचार को आगे भी अपनाया जाए. उन्होंने कहा कि पीएम के साथ यह बहुत ही इनफॉर्मल मीटिंग थी। हम सब अनौपचारिक तरीके से बात कर रहे थे और अपने-अपने विचार साझा कर रहे थे।