नई दिल्ली (नेहा): मध्य प्रदेश के नरमदापुरम जिले में 26 साल के एक मुस्लिम युवक आरिफ खान चिश्ती हिंदू संत प्रेमानंद गोविंद शरण ‘प्रेमानंद जी महाराज’ को अपनी एक किडनी डोनेट करना चाहते हैं। उनका कहना है कि यह कदम उन्होंने धर्मों के बीच भाईचारा और सौहार्द बढ़ाने के लिए उठाया है।
प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन के राधा वल्लभ सम्प्रदाय से जुड़े हैं। वे पिछले लगभग 18–19 सालों से किडनी की गंभीर बीमारी (पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज) से पीड़ित हैं। उनकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं और वे लगातार डायलिसिस पर जिंदगी जी रहे हैं।
दोनों किडनी खराब होने के बावजूद 56 साल की उम्र में भी प्रेमानंद जी रोजाना पूजा-पाठ और अपनी मशहूर रात्रि पदयात्राएं करते हैं। उनकी आस्था और हिम्मत देखकर लोग उन्हें बहुत सम्मान देते हैं।
इटारसी के रहने वाले आरिफ खान चिश्ती एक ऑनलाइन कंसल्टेंट और लीगल डॉक्यूमेंटर हैं। वो प्रेमानंद जी के जीवन और विचारों से इतने प्रभावित हुए कि 20 अगस्त को उन्होंने जिला कलेक्टर और महाराज जी को पत्र लिखकर अपनी किडनी देने का प्रस्ताव रखा।
आरिफ ने कहा कि मैंने एक वीडियो देखा, जिसमें महाराज जी ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी और अमीर खुसरो के बारे में बहुत सम्मान से बात कर रहे थे। इससे मुझे महसूस हुआ कि वे भाईचारा और मोहब्बत के लिए काम कर रहे हैं, जबकि आजकल नफरत आसानी से फैल जाती है। उनकी लंबी उम्र इस मोहब्बत और एकता की भावना को जिंदा रखने के लिए जरूरी है। मेरी जिंदगी से ज्यादा कीमती गुरु की जिंदगी है, जो देश में भाईचारा और एकता का संदेश फैला रहे हैं।