पुरी (नेहा): रविवार सुबह पुरी के शरधाली इलाके में भगदड़ जैसी स्थिति में तीन लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में दो महिला और एक पुरुष है। मृतकों की पहचान बसंती साहू, प्रेमकांत मोहंती और पार्वती दास के रूप में हुई है। वहीं, 100 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। रविवार होने की वजह से आज सुबह करीब 4 बजे श्रीगुंडिचा मंदिर के सामने खड़े तीनों रथों पर चतुर्थ विग्रहों का दर्शन करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी थी। भारी भीड़ के कारण श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई और रथ के पास भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भीड़ को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सौमेंद्र प्रियदर्शी एवं पिनाक मिश्रा के पास थी। हालांकि वह रात 1 बजे के बाद अपने गेस्ट रूम में विश्राम करने चले गए।
इससे भारी भीड़ को नियंत्रित कर रही पुलिस के लापरवाह रवैये का खामियाजा आम भक्तों को अपनी जान गंवाकर भुगतना पड़ा है। कुछ भक्तों ने लिखा है कि ट्रैफिक पुलिस ट्रैफिक नियंत्रण में लगी हुई थी परंतु गुंडिचा मंदिर के सामने उमड़ी भीड़ को जगन्नाथ भरोसे छोड़ दिया गया था। प्रशासन को पहले से पता था कि रथ यात्रा के दिन अधिकांश भक्त महाप्रभु का दर्शन नहीं कर पाए हैं। ऐसे में गुंडिचा मंदिर के सामने रथ पर विराजमान महाप्रभु का दर्शन करने के लिए भक्ति आतुर हैं। बावजूद इसके भीड़ को नियंत्रित करने को प्रशासन की तरफ से वह व्यवस्था नहीं की गई जो करनी चाहिए थी। इस भगदड़ में शताधिक भक्तों के घायल होने की भी सूचना मिली है।
उल्लेखनीय है कि शनिवार दूसरे दिन तीनों रथों को खींचकर भक्त शरधाबाली के पास पहुंचाए। ऐसे में गुंडिचा मंदिर के सामने-खड़े तीनों रथ पर विराजमान चतुर्था विग्रह का दर्शन पूरी रात चला। निर्धारित रीति के मुताबिक आज अपराह्न चार बजे चतुर्धा विग्रहों को गुंडिचा मंदिर में लिया जाएगा। इस मामले में सफाई देते हुए पुलिस महानिदेशक वाई बी खुरानिया ने कहा है कि भगदड़ के पीछे के कारण का पता लगाने के लिए जांच जारी है। भारी बारिश के कारण श्रद्धालु अपने साथ प्लास्टिक की चादरें लेकर आए थे। भगदड़ मचने के बाद जब लोग इधर-उधर भागने लगे तो उनके पैर प्लास्टिक की चादरों से फिसल गए और लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लकड़ी से भरे दो ट्रक भीड़ में घुस गए, जिसके कारण भगदड़ मची है।