नई दिल्ली (नेहा): कांग्रेस लीडर और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में धांधली के आरोप लगाए। निर्वाचन आयोग ने इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया। सूत्रों ने शनिवार को कहा कि मतदाताओं से अनुकूल चुनाव नतीजे नहीं मिलने के बाद इलेक्शन कमीशन को बदनाम करना पूरी तरह बेतुका काम है। अब राहुल गांधी ने इसका जवाब दिया है और कुछ सवाल भी खड़े किए हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने एक्स पर कहा, ‘प्रिय निर्वाचन आयोग, आप एक संवैधानिक संस्था हैं। गंभीर सवालों के जवाब में बिना हस्ताक्षर के अस्पष्ट नोट्स जारी करना उचित तरीका नहीं है। अगर आपके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो मेरे लेख में उठाए गए सवालों के जवाब दें और इसे साबित करें।’
राहुल गांधी ने कहा कि हाल के लोकसभा और सभी राज्यों (विशेष रूप से महाराष्ट्र) के विधानसभा चुनावों के लिए डिजिटल, मशीन से पढ़ने लायक मतदाता सूची प्रकाशित करें। साथ ही, महाराष्ट्र के मतदान केंद्रों से शाम 5 बजे के बाद की सभी सीसीटीवी फुटेज जारी किए जाएं। उन्होंने कहा कि टालमटोल आपके विश्वसनीयता की रक्षा नहीं करेगा। सत्य बोलना ही इसे बचाएगा। इससे पहले, चुनाव आोग के सूत्रों ने कहा कि कोई भी गलत सूचना चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों की ओर से नियुक्त हजारों प्रतिनिधियों की बदनामी व चुनाव कर्मचारियों का मनोबल तोड़ने वाला होता है, जो इस बड़ी कवायद के लिए अथक परिश्रम करते हैं।
राहुल गांधी ने कहा था कि मैच फिक्स चुनाव किसी भी लोकतंत्र के लिए जहर है। उन्होंने लिखा कि जो पक्ष धोखा देता है वह खेल जीत सकता है, लेकिन वह संस्थानों को नुकसान पहुंचाता है और जनता के भरोसे को तोड़ता है। कांग्रेस नेता ने एक्स पर एक पोस्ट में कथित चुनावी अनियमितताओं को चरणबद्ध तरीके से रेखांकित किया, जिसमें फर्जी मतदाताओं को जोड़ने, मतदान प्रतिशत को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए जाने, फर्जी मतदान की सुविधा प्रदान करने और बाद में सबूत छिपाए जाने के आरोप शामिल हैं। लेकिन इन दावों को खारिज करते हुए सूत्रों ने रेखांकित किया कि महाराष्ट्र चुनाव में सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे के बीच मतदान केंद्रों पर पहुंचे 6,40,87,588 (6.4 करोड़ से अधिक) मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि औसतन हर घंटे लगभग 58 लाख वोट डाले गए।