नई दिल्ली (नेहा): दिल्ली पुलिस की कॉन्स्टेबल सोनिका यादव ने 7 महीने की प्रेग्नेंसी के बावजूद आंध्र प्रदेश में आयोजित ऑल इंडिया पुलिस वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में 145 किलोग्राम वजन उठाकर ब्रॉन्ज मेडल जीता है। सोनिका ने 125 किलो स्क्वैट्स, 80 किलो बेंच प्रेस और 145 किलो डेडलिफ्ट करने का कारनामा किया। खास बात यह है कि प्रेग्नेंसी में अक्सर महिलाएं वजन उठाने से बचती हैं, लेकिन सोनिका ने इतना ज्यादा वजन उठाकर मिसाल कायम की है। डॉक्टर्स और ट्रेनर्स की सलाह के अनुसार उन्होंने अपने वेटलिफ्टिंग रूटीन को हल्के मॉडिफिकेशन के साथ जारी रखा। गर्भावस्था के दौरान हल्की-फुल्की एक्सरसाइज को फायदेमंद माना जाता है। अब सवाल है कि प्रेग्नेंसी में बहुत ज्यादा वजन उठाना सेफ है?
ग्रेटर नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल की पूर्व गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. सोनाली गुप्ता ने बताया कि प्रेग्नेंसी कोई बीमारी नहीं है। अगर कोई महिला मेडिकली फिट है, मसल्स स्ट्रेंथ अच्छी है और वह रेगुलर ट्रेनिंग करती है, तो डॉक्टर्स की निगरानी में वजन उठा सकती है। आमतौर पर प्रेग्नेंसी में डेडलिफ्ट करने की सलाह नहीं दी जाती है, लेकिन लगातार प्रॉपर ट्रेनिंग करने वाली प्रेग्नेंट महिलाएं वेटलिफ्टिंग कर सकती हैं। प्रेग्नेंसी में वजन उठाने का रिस्क तो होता है, लेकिन हर महिला की कंडीशन अलग होती है। जो महिलाएं पहले से वेटलिफ्टिंग या इस तरह की एक्टिविटीज नहीं करती हैं, उन्हें प्रेग्नेंसी में ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
डॉक्टर सोनाली ने बताया कि जब कोई व्यक्ति लगातार वेटलिफ्टिंग की ट्रेनिंग करता है, तो बॉडी उसी के अनुकूल ढल जाती है। प्रॉपर डाइट, अच्छी लाइफस्टाइल, बढ़िया ट्रेनिंग और मेडिकल सुपरविजन के साथ प्रेग्नेंसी में भी इस तरह की एक्टिविटीज की जा सकती हैं। भारत में भले ही महिलाएं इससे बचती हैं, लेकिन अमेरिका और यूरोपियन देशों में प्रेग्नेंट महिलाएं भी कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेती हैं। ओलंपिक में भी प्रेग्नेंट एथलीट्स ने हिस्सा लिया था, जो दिखाता है कि प्रेग्नेंसी में भी ये सभी चीजें पॉसिबल हैं। हालांकि प्रेग्नेंसी में किसी भी एक्टिविटी को करते समय बेहद सावधानी बरतनी चाहिए।

