नई दिल्ली (राघव): राहुल गांधी के हालिया चुनावों में धांधली और वोट चोरी के आरोपों पर चुनाव आयोग सख्त हो गया है। आयोग ने एक बार फिर से राहुल गांधी से कहा है कि या तो वे अपने दावों के समर्थन में एक घोषणापत्र पर साइन करें या झूठे आरोप लगाने के लिए देश से माफी मांगें। कम-से-कम तीन राज्यों में कथित वोट चोरी को लेकर गांधी और चुनाव आयोग के बीच तीखी नोकझोंक के एक दिन बाद, चुनाव अधिकारियों ने कांग्रेस नेता द्वारा अपने दावों की पुष्टि के लिए एक हस्ताक्षरित घोषणापत्र पर फिर से जोर दिया।
एक अधिकारी ने कहा, “राहुल गांधी को या तो नियमों के अनुसार घोषणापत्र देना चाहिए या अपने झूठे आरोपों के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।” उनके वोट चोरी के दावों के बाद, कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारियों ने राहुल गांधी से उन लोगों के नाम देने को कहा था जिनके बारे में उनका दावा है कि उन्हें या तो मतदाता सूची से बाहर रखा गया है या गलत तरीके से शामिल किया गया है।
हालांकि, राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया था कि वह घोषणापत्र पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। उन्होंने कहा था कि उन्होंने संसद सदस्य के रूप में संविधान की रक्षा करने की शपथ पहले ही ले ली है। उन्होंने भाजपा और निर्वाचन आयोग के बीच मिलीभगत के जरिए चुनावों में ‘‘बड़े पैमाने पर आपराधिक धोखाधड़ी’’ होने का गुरुवार को दावा किया था और कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूची के विश्लेषण का हवाला देते हुए इसे ‘संविधान के खिलाफ अपराध’ बताया था।
वहीं, इस मामले में बीजेपी राहुल गांधी पर हमलावर है। उसने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर वोट चोरी से जुड़े उनके दावे पर हस्ताक्षरित शपथपत्र नहीं देने के लिए शनिवार को निशाना साधा और कहा कि यदि कांग्रेस नेता को निर्वाचन आयोग पर भरोसा नहीं है तो उन्हें लोकसभा की सदस्यता से नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा से कहा कि यदि उन्हें चुनावों में विश्वास नहीं है तो वे राज्यसभा और लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दें। भाटिया ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “आप (राहुल गांधी) मीडिया के सामने निराधार आरोप लगाते हैं और फिर जब संवैधानिक संस्था सबूत और हस्ताक्षरित शपथपत्र मांगती है तो देने से इनकार कर देते हैं।’’