नई दिल्ली (राघव): दुनियाभर में वैसे कई खगोलीय घटनाएं घटित होती है जिसका प्रमाण किसी ना किसी रूप में सामने आता रहता है। आज 11 जून का दिन भी सबसे खास दिन में से एक है जहां पर जून माह की आखिरी पूर्णिमा के दिन स्ट्रॉबेरी मून नजर आने वाला है। यहां पर यह माइक्रो मून कहलाएगा। वहीं पर पृथ्वी से थोड़ा अधिक दूर होने के कारण सामान्य से थोड़ा छोटा और धुंधला भी दिखाई देगा। बताया जाता है कि, यह नजारा अब अगली बार 2043 में ही नजर आएगा, यानी यह मौका आपके लिए एक दुर्लभ अनुभव हो सकता है।
आपको यहां पर स्ट्रॉबेरी मून की व्याख्या करते हुए बताते चलें तो, चांद का रंग आज स्ट्रॉबेरी के रंग की तरह नजर आएगा। यहां पर इसके ‘माइक्रो मून’ और ‘मेजर लूनर स्टैंडस्टिल’ की वजह से भी खास बताया जा रहा है। इसे लेकर बताया जाता हैं कि, स्ट्रॉबेरी मून का नाम अमेरिकी आदिवासी परंपराओं से जुड़ा होता है। कहते हैं कि, जब जून में स्ट्रॉबेरी की कटाई की शुरुआत इसी पूर्णिमा के बाद होती थी. इस वर्ष चंद्रमा पृथ्वी से सबसे अधिक दूरी पर होगा, जिसके कारण यह सामान्य से छोटा और नीचा दिखेगा।
आपको बताते चलें कि, स्ट्रॉबेरी मून की स्थिति में जून फुल मून की तरह नजर आएगा। यहां पर स्ट्रॉबेरी मून की स्थिति को लेकर कहा गया है कि, इस घटना के कारण चंद्रमा की रोशनी में एक सुनहरी, गर्म चमक देखने को मिल सकती है। वहीं पर भारत में स्ट्रॉबेरी मून को 11 जून की शाम सूर्यास्त के बाद दक्षिण-पूर्व दिशा में देखा जा सकता है। बताया जा रहा है कि, यहां पर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु जैसे शहरों में यह दृश्य रात 7 बजे के बाद दिखाई देगा। इसके अलावा स्ट्रॉबेरी मून 11 जून, 2025 को सुबह 03.44 बजे (अमेरिका के समयानुसार) नजर आएगा और भारत में 1:15 बजे से नजर आने लगेगा. अगर आप इस अद्भुत नजारे को अच्छी तरह देखना चाहते हैं, तो शहर की रोशनी से दूर किसी खुले और कम प्रदूषण वाले स्थान पर जाना बेहतर रहेगा।