नई दिल्ली (नेहा)- भारत ने ओडिशा तट से एकीकृत हवाई रक्षा हथियार प्रणाली (IADWS) का पहला उड़ान परीक्षण “सफलतापूर्वक” पूरा किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उड़ान परीक्षणों के लिए IADWS को विकसित करने वालों, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और सशस्त्र बलों को बधाई दी।
स्वदेशी हवाई रक्षा प्रणाली का शनिवार देर रात साढ़े 12 बजे ओडिशा तट से उड़ान परीक्षण किया गया। नयी हवाई रक्षा प्रणाली का उड़ान परीक्षण ऑपरेशन सिंदूर के साढ़े तीन महीने बाद हुआ है। IADWS एक बहुस्तरीय हवाई रक्षा प्रणाली है जिसमें त्वरित प्रतिक्रिया वाली सतह से हवा में मार करने वाली सभी स्वदेशी मिसाइल, बहुत कम दूरी की हवाई रक्षा प्रणाली (वीएसएचओआरएडीएस) मिसाइल और उच्च शक्ति वाली लेजर आधारित निर्देशित ऊर्जा हथियार (DEW) प्रणाली शामिल हैं।
सिंह ने सोशल मीडिया पर कहा, “मैं IADWS को सफलतापूर्वक विकसित करने के लिए DRDO, भारतीय सशस्त्र बलों और उद्योग जगत को बधाई देता हूं।” उन्होंने कहा, ‘‘इस अद्वितीय उड़ान परीक्षण ने हमारे देश की बहुस्तरीय हवाई रक्षा क्षमता को स्थापित किया है और यह दुश्मन के हवाई खतरों के खिलाफ रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाएगी।”
बता दें कि DRDO ने स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम तैयार कर लिया है। DRDO ने 23 अगस्त 2025 को लगभग 12:30 बजे ओडिशा के तट पर एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली (IADWS) का पहला परीक्षण सफलतापूर्वक किया। इस परीक्षण में मिसाइलों को लक्ष्य के पीछे उड़ाया गया और मिसाइलें अपने लक्ष्य को हवा में ही मार गिराने में सफल रहीं।
एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली एक बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली है, जिसमें सभी स्वदेशी त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें शामिल हैं। इसमें कुल तीन तरह की मिसाइलें हैं। (QRSAM) स्वदेशी त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, उन्नत अति लघु दूरी वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADS) मिसाइलें और एक उच्च शक्ति वाली लेजर आधारित निर्देशित ऊर्जा हथियार (DEW) इस डिफेंस सिस्टम में शामिल हैं।