नई दिल्ली (नेहा): सरकार जल्द ही एक नया नियम लागू करने जा रही है। अब होटलों और इवेंट आयोजकों को आधार कार्ड की फोटोकॉपी नहीं लेनी होगी। इसके बजाय, उन्हें नई डिजिटल वेरिफिकेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना होगा। यह आधार एक्ट के नियमों का पालन सुनिश्चित करेगा और डेटा लीक के खतरे को कम करेगा। यह बदलाव लोगों के लिए भी सुविधाजनक होगा। आधार कार्ड की फोटोकॉपी रखना आधार एक्ट के नियमों का उल्लंघन है।
यूआईडीएआई के सीईओ भुवनेश कुमार ने बताया कि अब जो भी संस्थाएं आधार से जुड़े वेरिफिकेशन का काम करती हैं, जैसे होटल और इवेंट आयोजक, उन्हें इस सिस्टम में रजिस्टर करना होगा। उन्हें एक नई वेरिफिकेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना होगा। यह सिस्टम QR कोड स्कैन करके या आधार के नए मोबाइल ऐप से वेरिफिकेशन की सुविधा देगा। यह नया नियम जल्द ही लागू हो जाएगा। इसका मकसद कागज पर आधारित आधार वेरिफिकेशन को बंद करना है।
इस नए तरीके से वेरिफिकेशन करने पर बीच के सर्वर में आने वाली दिक्कतें भी दूर होंगी। जो संस्थाएं ऑफलाइन वेरिफिकेशन चाहती हैं, उन्हें एक एपीआई (एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) दिया जाएगा। इससे वे इस वेरिफिकेशन सिस्टम को अपने सॉफ्टवेयर में जोड़ सकेंगी। यूआईडीएआई एक नया ऐप भी टेस्ट कर रहा है। यह ऐप हर बार सेंट्रल सर्वर से जुड़े बिना ऐप-टू-ऐप वेरिफिकेशन कर सकेगा। इस ऐप का इस्तेमाल एयरपोर्ट और ऐसी दुकानों पर किया जा सकेगा जहां उम्र के हिसाब से सामान बेचा जाता है। भुवनेश कुमार ने कहा कि इस नए तरीके से आधार की प्राइवेसी और भी मजबूत होगी। कागज पर आधार की फोटोकॉपी रखने से जुड़े खतरे भी खत्म हो जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘यूजरों की प्राइवेसी की सुरक्षा बढ़ेगी और उनके आधार डेटा के लीक होने या गलत इस्तेमाल का कोई खतरा नहीं रहेगा।’


