नई दिल्ली (नेहा): महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी झगड़े के शांत होने के बाद दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में भाषा विवाद खड़ा होता दिखाई दे रहा है। तमिलनाडु में डीएमके सरकार ने हिंदी होर्डिंग्स, फिल्मों और गानों पर पाबंदी लगाने के लिए विधानसभा में बिल पेश करने की तैयारी की है। सूत्रों के हवाले जानकारी सामने आई है कि तमिलनाडु विधानसभा में एक ऐसे ही प्रावधान वाला बिल स्टालिन सरकार रखेगी। बीजेपी ने डीएमके सरकार के इस कदम को बेतुका और भ्रमित करने वाला बताया है। सूत्रों ने बताया कि तमिलनाडु सरकार आज विधानसभा में एक विधेयक पेश करने वाली है, जिसका उद्देश्य राज्य में हिंदी को लागू करने पर प्रतिबंध लगाना है। प्रस्तावित कानून पर चर्चा के लिए कल रात कानूनी विशेषज्ञों के साथ एक आपात बैठक हुई थी।
मुख्यमंत्री डीएमके की अगुवाई वाली राज्य सरकार ने इस संबंध में अभी कुछ भी नहीं कहा है कि चर्चा है कि सरकार विधानसभा के मौजूद सत्र में हिंदी होर्डिंग्स, फिल्मों और गानों को लेकर एक बिल ला रही है। सूत्रों ने बताया कि विधेयक पूरे तमिलनाडु में हिंदी होर्डिंग्स, बोर्ड्स, फिल्मों और गानों पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास करता है, हालांकि अधिकारियों ने ज़ोर देकर कहा कि यह संविधान के अनुरूप होगा। वरिष्ठ डीएमके नेता टीकेएस एलंगोवन ने विधेयक पर टिप्पणी करते हुए कहा कि संविधान के विरुद्ध कुछ नहीं करेंगे। हम उसका पालन करेंगे। हम हिंदी थोपने के खिलाफ हैं।