जम्मू (नेहा): आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए भारतीय सेना डोडा जिले में ग्राम रक्षा गार्ड (VDG) को प्रशिक्षण दे रही है। मंगलवार को चिनाब घाटी के ऊपरी इलाकों के 17 दूर-दराज गांवों से आए करीब 150 लोगों को यह प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण में महिलाएं भी शामिल थीं।
सेना अधिकारियों ने बताया कि डोडा–चंबा सीमा के पास स्थित गांवों के लोग इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें हथियार चलाने की बुनियादी जानकारी, बंकर बनाना, आवश्यक सैन्य तकनीकें और आत्मरक्षा के तरीके सिखाए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य है कि ये लोग किसी भी आतंकी खतरे का सामना कर सकें और अपने गांव की पहली सुरक्षा पंक्ति बनें।
यह प्रशिक्षण भलेसा क्षेत्र की शिंगिनी पंचायत में आयोजित किया गया, जो डोडा जिला मुख्यालय से लगभग 90 किलोमीटर दूर स्थित है। अधिकारियों के अनुसार, यह इलाका घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरा हुआ है, इसलिए यहां सुरक्षा बल लगातार निगरानी और तलाशी अभियान चलाते रहते हैं।
VDG सदस्यों को अब पुरानी .303 राइफलों के स्थान पर नई सेल्फ-लोडिंग राइफलें (SLR) दी गई हैं, जिससे वे सुरक्षा व्यवस्था में अधिक प्रभावी भूमिका निभा सकें। स्थानीय लोगों ने इस कदम की सराहना की और कहा कि नए प्रशिक्षण और आधुनिक हथियारों से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है।
अधिकारियों के अनुसार, यह पहल बहु-स्तरीय सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है। इसके तहत प्रशिक्षित ग्रामीण सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के साथ मिलकर काम करेंगे। इसका उद्देश्य न केवल गांवों की सुरक्षा को मजबूत करना है, बल्कि लोगों में जिम्मेदारी और आत्मनिर्भरता की भावना भी विकसित करना है, ताकि दूर-दराज इलाकों में आतंकियों को किसी भी प्रकार की मदद न मिल सके।


