नई दिल्ली (नेहा): पंजाब में बाढ़ की चपेट में आए लोगों को अभी राहत मिलती नजर नहीं आ रही। इसका कारण राज्य के तीनों बांधों का जलस्तर खतरे के निशान के पास या उससे ऊपर पहुंच जाना है। गुरुवार को पौंग बांध का जलस्तर खतरे के निशान से 14 फीट ऊपर पहुंच चुका है। वहीं भाखड़ा बांध का जलस्तर भी खतरे के निशान से मात्र एक फीट दूर है। बांध की सुरक्षा को देखते हुए भाखड़ा के फ्लड गेट अब सात फीट से बढ़ाकर 10 फीट तक खोले गए हैं। इससे सतलुज दरिया के आसपास के जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
लुधियाना में पांच जगह सतलुज के तटबंध कमजोर हो चुके हैं और एक जगह गांव ससराली में सेना की मदद से तटबंध से 200 मीटर पीछे एक किलोमीटर क्षेत्र में रिंग बाध का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। भाखड़ा और पौंग बांध से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण सतलुज और ब्यास दरिया उफान पर हैं। सतलुज के कारण रूपनगर, लुधियाना और जालंधर में बाढ़ आने का खतरा मंडराने लगा है। तरनतारन जिले में स्थित हरिके पत्तन हेडवर्क्स में दोनों दरियाओं का पानी इकट्ठा होने से तटबंध टूटने का खतरा है। यहां से छोड़े जा रहे पानी के कारण फिरोजपुर और फाजिल्का के बाढ़ प्रभावित गांवों में हालात बिगड़ते जा रहे हैं।