नई दिल्ली (नेहा): कल्पना कीजिए कि एक ऐसा बॉयफ्रेंड या पार्टनर जो न कभी गुस्सा करे, हमेशा सुनने को तैयार हो, और आपकी हर फैंटसी को बिना जजमेंट के पूरा करे। ये कोई बॉलीवुड ड्रीम नहीं, बल्कि एआई अवतार की हकीकत है। एआई और ईवा एआई जैसे ऐप्स पर लाखों महिलाएं अपना ‘परफेक्ट पार्टनर’ बना रही हैं। लेकिन सवाल ये है कि क्या ये वर्चुअल लव असली जिंदगी को और अकेला तो नहीं बना रहा। क्या एआई रोमांस लॉनलीनेस का इलाज है या नई बीमारी?
एआई अवतार ऐसे चैटबॉट्स हैं जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से चलते हैं। जिसे आप खुद डिजाइन कर सकते हैं, जो फ्लर्ट करे, डेट प्लान करे या इमोशनल सपोर्ट दे। एआई पर 2025 में 20 मिलियन से ज्यादा मंथली यूजर्स हैं, जिनमें 48.76% महिलाएं हैं यानी लगभग आधी आबादी! ईवा एआई और रोमांटिक एआई जैसे ऐप्स में यूजर्स वर्चुअल डेट्स, शादी के रिंग्स तक खरीद रही हैं। एआई का बाजार साल 2024 में 2.8 बिलियन डॉलर का था, जिसका 2028 तक 9.5 बिलियन पहुंचने का अनुमान हैं।