जम्मू (नेहा): पग-पग पर बेहतर सुविधाएं, चौड़ा मार्ग और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था। न आतंकी खौफ, न कोई चिंता। बाबा बर्फानी की भक्ति में लीन शिवभक्त पैदल, घोड़े व पिट्ठू-पालकी में सवार होकर शिव के धाम पहुंचे। श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा में विराजमान हिमलिंग स्वरूप भगवान शिव के प्रथम दर्शन के साथ ही गुरुवार को वार्षिक यात्रा भी शुरू हो गई। पहले जत्थे में बालटाल मार्ग से गए 12,348 श्रद्धालुओं ने माथा टेका। केंद्रीय राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे ने भी पहले दिन दर्शन किए। उधर, पहलगाम से तड़के पवित्र गुफा की ओर रवाना हुए श्रद्धालु अभी रास्ते में हैं और वे शनिवार तड़के दर्शन करेंगे। इस बीच, जम्मू से तड़के 5,246 श्रद्धालुओं का दूसरा जत्था यात्रा के लिए रवाना हुआ। इनमें पहलगाम मार्ग से 3,247 और बालटाल मार्ग के लिए 1,999 श्रद्धालु रवाना हुआ।
शाम को दोनों जत्थे अपने-अपने आधार शिविरों में पहुंच गए। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद इस बार श्री अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं के उत्साह ने पूरी दुनिया को संदेश दिया है कि भारत आतंकवाद के आगे न झुकेगा-न रुकेगा। वहीं, शुक्रवार को तीर्थयात्रियों का तीसरा जत्था कड़ी सुरक्षा के बीच यात्री निवास, पंथा चौक, श्रीनगर से बालटाल और नुनवान आधार शिविरों के लिए रवाना हुआ। बालटाल शिविर से रवाना हुए श्रद्धालु व साधु-संत बम-बम भोले के जयघोष लगाते आगे बढ़ते गए। रास्ते में अगर किसी श्रद्धालु को चलने में कठिनाई हुई या सांस लेने में दिक्कत हुए तो सुरक्षा कर्मियों से लेकर स्वास्थ्य कर्मी आक्सीजन के साथ उनकी पूरी मदद करते नजर आए।
जगह-जगह लगाए गए भंडारों में भी सेवादार हाथ जोड़े श्रद्धालुओं का स्वागत करते नजर आए। श्रद्धालु जम्मू-कश्मीर प्रशासन व श्राइन बोर्ड की व्यवस्था से संतुष्ट नजर आए। शिवमय हुए जम्मू यात्री निवास, बालटाल और पहलगाम के आधार शिविर जम्मू में यात्री निवास की तरह कश्मीर में बालटाल और पहलगाम आधार शिविर भी शिवमय हो चुके हैं। तीनों आधार शिविरों में शिव भजनों के साथ भंडारे और आते-जाते श्रद्धालुओं से माहौल उत्सव की तरह प्रतीत हो रहा है। बालटाल और पहलगाम में श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए लगाए गए हजारों टैंट किसी विशाल टेंट सिटी की तरह लग रहे हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहले ही बालटाल और पहलगाम पहुंच गए हैं, हालांकि प्रशासन ने इस बार किसी भी यात्री को जम्मू से बिना सुरक्षा घेरे में यात्रा पर न जाने की बात कहीं थी।