अयोध्या (नेहा): भगवान राम की नगरी अयोध्या में दीपोत्सव के मौके पर दो बड़े इतिहास रचे गए हैं। छोटी दिवाली के पावन अवसर पर अयोध्या का सरयू तट 26 लाख से अधिक दीयों से जगमग हो गया। साथ ही दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी रचे गए। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दोनों विश्व कीर्तिमान का सर्टिफिकेट सौंपा।
हम आपको बता दें कि रविवार को अयोध्या नगर में जो पहला वर्ल्ड रिकॉर्ड बना, वो था दीपों का। उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा आयोजित दीपोत्सव में एकसाथ 26,17,215 मिट्टी के दीये प्रज्जवलित किया गया। वहीं दूसरा रिकॉर्ड था एकसाथ 2128 अर्चकों द्वारा मां सरयू की महाआरती करने का। देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने ‘श्री राम, जय राम, जय जय राम’ के जयकारों से शहर को गुंजायमान कर दिया। राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, श्रद्धालुओं ने सरयू नदी के तट पर पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर अयोध्या का हर मंदिर, गली और घर भक्ति की आभा से जगमगा उठा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने दो नए ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ बनाए। पहला, शहर भर में 26 लाख 17 हजार 215 दीप जलाने का और दूसरा 2,128 वेदाचार्यों, पुजारियों और साधकों द्वारा एक साथ मां सरयू की आरती करने का। बयान के मुताबिक, दोनों उपलब्धियों की ड्रोन के जरिए गणना करके पुष्टि की गई और उन्हें ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ के प्रतिनिधियों द्वारा प्रमाणित किया गया। डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय और स्थानीय संगठनों के 32 हजार से अधिक स्वयंसेवकों ने इस उपलब्धि को संभव बनाया। आदित्यनाथ के आह्वान पर अयोध्या भर के घरों, मंदिरों, मठों, आश्रमों और सार्वजनिक चौराहों पर दीप जलाए गए।
इससे पहले, रामायण के प्रसंगों को दर्शाती 22 झांकियां और रूस, थाईलैंड, इंडोनेशिया, नेपाल और श्रीलंका के कलाकारों के साथ-साथ 2,000 से अधिक भारतीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। सड़कों को फूलों और रंगोली से सजाया गया था। रात में अयोध्या का आसमान 1,100 स्वदेशी ड्रोन उत्कृष्ट शो से जीवंत हो उठा। इसमें भगवान राम के दिव्य स्वरूप और रामायण के दृश्यों को रोशनी के माध्यम से आकाश पटल पर उकेरा गया। इन दृश्यों ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बाद में, आदित्यनाथ ने श्री राम मंदिर में दर्शन किए. साथ ही गर्भगृह और राम की पैड़ी पर पूजा-अर्चना की और आरती की।


