नई दिल्ली (नेहा): डिजिटल की तरफ बढ़ते भारत में यूपीआई की लोकप्रियता कितनी बढ़ गई है, इसका अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि एक दिन में अमेरिका की आबादी से दोगुना ज्यादा लेन-देन यूपीआई के जरिए हुआ है। साल 2024 के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका की आबादी लगभग 341.2 मिलियन थी, लेकिन भारत में 2 अगस्त 2025 को एक दिन में रिकॉर्ड 707 मिलियन ट्रांजेक्शंस यूपीआई के माध्यम से किए गए।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा साझा किए गए ये आंकड़े दिखाते हैं कि किस तरह से इस प्लेटफॉर्म का उपयोग तेज़ी से बढ़ा है। पिछले कुछ वर्षों में ही यूपीआई ने यह ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया है। 2023 में, प्रतिदिन लगभग 350 मिलियन (35 करोड़) यूपीआई ट्रांजेक्शन होते थे। अगस्त 2024 तक यह संख्या बढ़कर 500 मिलियन (50 करोड़) हो गई। अब यह आंकड़ा 700 मिलियन (70 करोड़) तक पहुंच चुका है।
अब सरकार का लक्ष्य है कि यूपीआई के जरिए रोजाना होने वाले ट्रांजेक्शंस को 1 बिलियन (100 करोड़) तक पहुंचाया जाए। ऐसा अनुमान है कि यूपीआई ट्रांजेक्शंस इसी तरफ से बढ़ता रहा तो अगले साल तक यह लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा।
पिछले महीने, यूपीआई के जरिए लगभग 19.5 बिलियन (1.95 अरब) ट्रांजेक्शंस किए गए, जिनकी कुल राशि 25 लाख करोड़ रुपये से अधिक रही। भारत में अब लगभग 85% डिजिटल लेन-देन यूपीआई के माध्यम से किए जाते हैं। यही नहीं, दुनियाभर में होने वाले कुल डिजिटल ट्रांजेक्शंस का करीब 50% हिस्सा अब यूपीआई से हो रहा है, जो भारत की तकनीकी नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है।
गौरतलब है कि 2 अगस्त 2025 को पहली बार यूपीआई के जरिए रोजाना ट्रांजेक्शंस की संख्या 70 करोड़ (700 मिलियन) के पार पहुंची, जिसकी पुष्टि खुद नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने की है। जुलाई 2025 में यूपीआई के माध्यम से रोजाना औसतन 65 करोड़ (650 मिलियन) ट्रांजेक्शंस किए गए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि अगस्त की शुरुआत में किराया, बिजली-पानी के बिल और सैलरी ट्रांसफर जैसे भुगतान यूपीआई से किए जाने के कारण यह संख्या 70 करोड़ के पार पहुंची।