वॉशिंगटन (नेहा): ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने के लिए अमेरिका ने अपने सबसे एडवांस और भरोसेमंद बॉम्बर B-2 का इस्तेमाल किया था। ये बॉम्बर इतना सटीक और आधुनिक है कि जमीन के कई फीट नीचे स्थित बंकर तो भी तबाह कर सकता है और इसे रडार पर पकड़ पाना लगभग नामुमकिन है। लेकिन ईरान पर हमले के बाद अमेरिका के कुछ B-2 बॉम्बर रहस्यमयी रूप से लापता हो गए हैं। दरअसल यूरेशियन टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरान पर हमले से पहले अमेरिका ने एक चाल चली थी। उसने अपने B-2 बॉम्बर्स को दो अलग-अलग ग्रुप्स में बांट दिया था। अमेरिका ने B-2 बॉम्बर्स के एक ग्रुप को प्रशांत महासागर के ऊपर पश्चिम की तरफ रवाना किया था। ये सिर्फ ईरान को धोखे में रखने के लिए किया गया था, जिससे उसका असली प्लान सामने न आ जाए। इसके बाद दूसरे B-2 बॉम्बर्स ग्रुप को ईरान में फोर्डो और नतांज के परमाणु ठिकानों पर हमले के लिए पूर्व की ओर भेजा गया।
लेकिन अब दावा किया जा रहा है कि पश्चिम की तरफ उड़ने वाला B-2 बॉम्बर्स का ग्रुप वापस बेस पर नहीं लौटा है। ईरान पर हमला करने वाली टीम अटैक के बाद 37 घंटे लगातार उड़कर बेस पर लौट आई। ऐसे में पश्चिम की तरफ उड़ने वाले विमानों के सुरक्षित होने पर संदेह पैदा होता है। मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया जा रहा है कि उन B-2 बॉम्बर्स में से एक की हवाई में इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी। इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें B-2 बॉम्बर रनवे पर किनारे खड़ा दिखाई दे रहा है। हालांकि न तो वीडियो की पुष्टि हो पाई है, न ही अमेरिका की तरफ से इस संबंध में कोई जानकारी दी गई है। इसके पहले भी B-2 बॉम्बर्स के कई बार इमरजेंसी लैंडिग के मामले सामने आए हैं। अप्रैल 2023 में हिकम में B-2 बॉम्बर की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी। 2008 में B-2 दुर्घटना का शिकार भी हुआ था। 2022 में एक एक्सीडेंट के बाद पूरे B-2 बेड़े को ग्राउंड कर दिया गया था।