नई दिल्ली (नेहा): एपल, फेसबुक, गूगल समेत कई अन्य कंपनियों के 16 अरब पासवर्ड और लॉगइन क्रेडेंशियल लीक हो गए हैं। इसे डाटाबेस इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा लीक माना जा रहा है। इससे पहले मई में 18.4 करोड़ से ज्यादा पासवर्ड लीक होने का दावा किया गया था। साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर पासवर्ड लीक होना कई समूहों का काम माना जा रहा है।
साइबरन्यूज के विलियस पेटकॉस्कस के अनुसार, 30 डाटासेट लीक हुए हैं। इनमें से प्रत्येक में 3.5 अरब से अधिक रिकॉर्ड हैं। उन्होंने बताया, लीक हुए पासवर्ड और लॉगइन क्रेडेंशियल्स का आंकड़ा 16 अरब तक पहुंच गया है। इसमें कई प्रमुख कंपनियों के सोशल मीडिया, वीपीएन, डेवलपर पोर्टल और खातों के अरबों लॉगइन क्रेडेंशियल शामिल हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह व्यापक पैमाने पर दोहन का ब्लूप्रिंट है। इससे लोगों के बैंक अकाउंट और वित्तीय खातों में लॉगइन किया जा सकता है। ज्यादातर लीक डाटा यूआरएल के प्रारूप में है। इसके बाद लॉगइन और पासवर्ड है। इससे एपल, फेसबुक, गूगल से हिटहब, टेलीग्राम और विभिन्न सरकारी सेवाओं तक किसी भी ऑनलाइन सेवा में सेंध लगा सकते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस पैमाने पर डाटा कई इन्फोस्टीलिंग मैलवेयर (संवेदनशील जानकारी चुराने वाले सॉफ्टवेयर) से चुराए होंगे। साइबर अपराधी अक्सर इस मैलवेयर का इस्तेमाल करते हैं और पासवर्ड व जानकारियां डार्क वेब पर बेच देते हैं। शोधकर्ताओं ने उस मेजबान प्रोवाइडर से भी संपर्क किया, जो करोड़ों पासवर्ड को टेक्स्ट फाइल में स्टोर कर रहा था। दावा है, कुछ हफ्तों के अंतराल में नए बड़े डाटासेट सामने आते हैं, जो संकेत देते हैं कि इन्फोस्टीलर मैलवेयर कितने खतरनाक हैं। हालांकि इसमें बहुत-सी जानकारी ओवरलैप भी हो सकती है। जिससे वास्तव में प्रभावित लोगों की संख्या का अंदाजा नहीं लग सकता। 5.5 अरब लोगों की इंटरनेट तक पहुंच है, लिहाजा माना जा रहा है कि आधे से ज्यादा लोगों की जानकारी लीक हुई है।