नई दिल्ली (नेहा): हरियाणा की राजनीति में जननायक जनता पार्टी (JJP) लगातार सिकुड़ती नजर आ रही है। इस बीच इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) प्रमुख अभय चौटाला अब अपने पैर जमाने की कोशिश में जुट गए हैं। इसके लिए वह 25 सितंबर को रोहतक में एक बड़ी रैली करने जा रहे हैं। यह तारीख चौटाला परिवार के बुजुर्ग नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री देवी लाल की जयंती भी है। यह रैली खास इसलिए भी है क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री और अभय चौटाला कि पिता ओमप्रकाश चौटाला के दिसंबर 2024 में निधन के बाद यह चौटाला परिवार का पहला बड़ा आयोजन होगा। रैली का स्थल रोहतक चुना गया है, जो कांग्रेस के दिग्गज और जाट नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ माना जाता है। अभय चौटाला ने साफ शब्दों में आरोप लगाया है कि हुड्डा का यहां कोई आधार नहीं है। वह खुद भाजपा के साथ मिले हुए हैं।
अभय चौटाला ने इस मौके पर कई अन्य क्षेत्रीय नेताओं को भी आमंत्रित किया है। शिरोमणि अकाली दल प्रमुख और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, राजस्थान से सांसद हनुमान बेनीवाल की पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी को बुलाया है। अभय का कहना है कि यह किसी तीसरे मोर्चे का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि उन नेताओं को एक साथ लाने का प्रयास है जो भाजपा और कांग्रेस दोनों से अलग हैं।
2018 में परिवारिक विवाद के बाद अभय के भतीजे दुष्यंत चौटाला ने JJP बनाई थी, जिसने 2019 में 10 सीटें जीतकर भाजपा सरकार में साझेदारी की। लेकिन किसानों के आंदोलन (2020) के समय भाजपा के साथ बने रहने की वजह से JJP का ग्राफ गिरा और 2024 विधानसभा चुनाव में उसका वोट शेयर 14.8% से गिरकर 0.90% तक पहुंच गया। इसके उलट INLD ने 2024 में दो सीटें (डबवाली और रानियां) जीतीं और 4.14% वोट शेयर हासिल किया। अभय का दावा है, “JJP खत्म हो चुकी है। उनके कार्यकर्ता और पदाधिकारी अब हमारे साथ हैं।”
रोहतक क्षेत्र देवी लाल आंदोलन का पारंपरिक गढ़ रहा है, लेकिन 1990 के दशक से हुड्डा परिवार ने इसे अपने नियंत्रण में लिया। अब अभय उसी जमीन पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं। फिलहाल, भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अभय की रैली को महत्वहीन बताया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडोली ने कहा कि जनता ने INLD को नकार दिया है, जबकि कांग्रेस नेता चंदवीर हुड्डा ने दावा किया कि INLD का अब कोई जनाधार नहीं है।