पटना (किरण) : बिहार में दो दिन पहले ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने जहानाबाद में पूर्व मंत्री जगदीश शर्मा पर निशाना साधते हुए कुछ कड़ी टिप्पणी की थी। इसे भूमिहार समाज से जोड़कर देखा गया। इसके बाद से ही प्रदेश की सियासत में उबाल आया हुआ है। दरअसल, लोकसभा चुनाव के समय जगदीश शर्मा दिल्ली चले गए थे। उनके पुत्र राहुल शर्मा ने भी चुनाव प्रचार नहीं किया था। इसी क्रम में अशोक चौधरी ने अपनी बात कही थी।
अब इस मसले पर शनिवार को जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज ने अशोक चौधरी के इस अंदाज पर विरोध जताते हुए वक्तव्य दिया। इधर, प्रतिकार भाव में अशोक चौधरी ने भी कहा कि वह भूमिहार विरोधी नहीं हैं। वह भूमिहारों की गोद में पले हैं।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह ये जरूर कह रहे हैं कि जिन लोगों ने लोकसभा चुनाव के समय नीतीश कुमार के निर्णय का सम्मान नहीं किया और दिल्ली भाग गए उन्हें साइडलाइन करना चाहिए। उनका निशाना जगदीश शर्मा पर था। अशोक चौधरी ने कहा कि मैं भी इस बात का विरोधी था कि चंद्रवंशी को जहानाबाद से टिकट नहीं दिया जाए। परंतु, जब हमारे नेता नीतीश कुमार ने यह निर्णय कर दिया कि चंद्रवंशी ही वहां से लड़ेंगे तो मैंने उनके निर्णय का सम्मान करते हुए समस्तीपुर के बाद जहानाबाद में कैंप किया।
भूमिहारों के गांव में गए पर किसी ने कोई विरोध नहीं किया। जगदीश शर्मा क्या हैं? भूमिहार समाज के शंकराचार्य हैं क्या? वोट तो नीतीश कुमार का है। उनके कंधे पर सवार होकर लोग नदी पार करना चाहते हैं। जो लोग नीतीश कुमार के निर्णय के साथ रहे, उन्हें तो वह ताकत देंगे ही।
अशोक चौधरी ने कहा कि राजनीति करने वालों को यह पता होना चाहिए कि श्रीबाबू ने मेरे पिता जी को पढ़वाया। वह और महेश बाबू उनके मेंटर रहे। मैंने भूमिहार बहुल बरबीघा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था और केवल 150 वोट से हारे। लोग गलतफहमी में नहीं रहें।