नई दिल्ली (नेहा): विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में बड़ा सियासी धमाका कर दिया है। नंदीग्राम सहकारी समिति चुनाव में बीजेपी समर्थित उम्मीदवारों ने 12 की 12 सीटों पर जीत हासिल कर टीएमसी का पूरी तरह सफाया कर दिया। यह नतीजा न केवल स्थानीय राजनीति में बीजेपी के बढ़ते दबदबे को दिखाता है बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए बड़ा उत्साह भी लेकर आया है। जैसे ही नतीजे घोषित हुए, बीजेपी समर्थकों ने पूरे इलाके में विजय जुलूस निकाला।
लेकिन इस जश्न के बीच माहौल तनावपूर्ण हो गया. आरोप है कि जुलूस निकालते समय बीजेपी समर्थकों ने तृणमूल कांग्रेस के कैम्प ऑफिस पर धावा बोलने की कोशिश की। इस पर टीएमसी कार्यकर्ता भी भिड़ गए और दोनों पक्षों के बीच जमकर कुर्सी और जूते-चप्पल चले। इलाके में तनाव बढ़ने पर पुलिस बल को हस्तक्षेप करना पड़ा और दोनों दलों के कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। टीएमसी ने बीजेपी पर लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला करने का आरोप लगाया, वहीं बीजेपी का कहना है कि टीएमसी हार पचाने में असमर्थ है और झूठे आरोप लगाकर माहौल बिगाड़ रही है।
नंदीग्राम पश्चिम बंगाल की राजनीति का केंद्र रहा है. यहीं से 2021 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी के बीच हाई-प्रोफाइल लड़ाई हुई थी, जिसमें ममता को हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में समबाय समिति चुनाव में 12-0 की जीत को बीजेपी एक बड़े संकेत के रूप में देख रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नंदीग्राम में यह जीत बीजेपी को आगामी चुनावी जंग में और आक्रामक बनाएगी, वहीं टीएमसी के लिए यह नतीजा बड़ा झटका साबित हो सकता है। बंगाल की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है और आने वाले दिनों में इसका असर पूरे राज्य की चुनावी रणनीति पर साफ देखा जा सकेगा।