लंदन (पाइल): हंगेरियन-ब्रिटिश लेखक डेविड शॉले को उनके उपन्यास ‘फ्लेश’ के लिए प्रतिष्ठित बुकर पुरस्कार 2025 का विजेता घोषित किया गया है। कल रात लंदन में आयोजित एक समारोह में शॉले ने भारतीय लेखिका किरण देसाई के उपन्यास ‘द लोनलीनेस ऑफ सोनिया एंड सनी’ को पछाड़कर यह पुरस्कार जीता। 51 वर्षीय शॉले को 50,000 पाउंड की पुरस्कार राशि और एक ट्रॉफी से सम्मानित किया गया। उनका उपन्यास एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो भावनात्मक रूप से दुनिया से टुटा हुआ है। दूसरी ओर, किरण देसाई 56 साल के इतिहास में दो बार बुकर पुरस्कार जीतने वाली पांचवीं लेखिका बनने से चूक गईं। इससे पहले उन्होंने 2006 में उपन्यास ‘द इनहेरिटेंस ऑफ लॉस’ के लिए यह पुरस्कार जीता था। किरण देसाई के 667 पेज के उपन्यास को जजों ने ‘प्रेम और परिवार, भारत और अमेरिका, परंपरा और आधुनिकता का महाकाव्य’ बताया। हालाँकि, अंत में जज ‘फ़्लैश’ से अधिक प्रभावित हुए।
इस पुरस्कार की दौड़ में छह उपन्यास थे, जिनमें अमेरिकी-कोरियाई लेखिका सुज़ैन चोई का उपन्यास ‘फ्लैशलाइट’, अमेरिकन जापानी लेखिका केटी कितामुरा की पुस्तक ‘ऑडिशन’, ब्रिटिश-अमेरिकी लेखक बेन मार्कोविट्ज़ का उपन्यास ‘द रेस्ट ऑफ़ आवर लाइव्स’ और एंड्रयू मिलर का उपन्यास ‘द लैंड इन विंटर’ भी शामिल थे।


