नई दिल्ली (राघव): केंद्र सरकार ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (भारत) के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे डॉ. कृष्णमूर्ति वी सुब्रमण्यन के कार्यकाल को तत्काल प्रभाव से खत्म करने की मंजूरी दे दी है। वह 1 नवंबर, 2022 से इस पद पर तैनात थे। पाकिस्तान को दी गई फाइनेंशियल सुविधाओं पर आईएमएफ बोर्ड की अहम रिव्यू मीटिंग से पहले ये फैसला लिया गया है।
केवी सुब्रमण्यन भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) रह चुके हैं। उन्होंने साल 2018 से 2021 तक सबसे युवा सीईए का खिताब भी अपने नाम किया था। अर्थव्यवस्था की स्थिति और आर्थिक सुधारों पर भारत सरकार को समय-समय पर सलाह देने के साथ साथ CEA हर साल बजट से पहले इकोनॉमिक सर्वे करने के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। उनके कार्यकाल के दौरान कोरोना महामारी के चलते पैदा हुई आर्थिक अशांति के माहौल में पॉलिसी बनाना शामिल था। साथ ही वे आरबीआई और सेबी की एक्सपर्ट कमेटी का हिस्सा रह चुके हैं। वे बंधन बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में भी शामिल रहे हैं।
बैंकिंग, कॉर्पोरेट सेक्टर और आर्थिक नीति में दुनिया के दिग्गज एक्सपर्ट्स में कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन का नाम आता है। उनके द्वारा बैंकिंग, लॉ एंड फाइनेंस, इनोवेशंस, इकोनॉमिक ग्रोथ और कॉरपोरेट गवर्नेंस जैसे कई विषयों पर लिखे गए रिसर्च पेपर्स दुनिया के प्रमुख जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। वह आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के मार्गदर्शन में बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस, शिकागो यूनिवर्सिटी से पीएचडी धारक हैं। इसके साथ ही वे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) से पढ़ाई कर चुके हैं।