नई दिल्ली (नेहा): सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को रेणुकास्वामी हत्याकांड में अभिनेता दर्शन की जमानत रद कर दी। न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को यह कहते हुए रद कर दिया कि इसमें कई खामियां हैं।
पीठ ने कहा, “हमने हर बात पर विचार किया। जमानत देने और रद करने पर भी। यह साफ है कि उच्च न्यायालय के आदेश में गंभीर खामियां हैं, बल्कि यह एक यांत्रिक प्रक्रिया को दर्शाता है और इसके अलावा उच्च न्यायालय ने पूर्व-परीक्षण चरण में ही जांच की।”
पीठ ने कहा, “निचली अदालत ही इकलौती उपयुक्त मंच है। ठोस आरोपों और फोरेंसिक साक्ष्यों के साथ जमानत रद करने को पुष्ट करते हैं। याचिकाकर्ता की जमानत रद की जाती है।” यह फैसला कर्नाटक सरकार की ओर से राज्य उच्च न्यायालय के 13 दिसंबर, 2024 के दर्शन और सह-आरोपियों को जमानत देने के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर आया।
दर्शन पर अभिनेत्री पवित्रा गौड़ा और कई अन्य लोगों के साथ मिलकर 33 वर्षीय रेणुकास्वामी नामक एक फैन का अपहरण करने और उसे प्रताड़ित करने का आरोप है, जिसने कथित तौर पर पवित्रा को अश्लील संदेश भेजे थे।
पुलिस ने आरोप लगाया कि पीड़ित को जून 2024 में तीन दिनों तक बेंगलुरु के एक शेड में रखा गया, प्रताड़ित किया गया और उसका शव एक नाले से बरामद किया गया। शीर्ष अदालत ने 24 जनवरी को राज्य सरकार की याचिका पर अभिनेता, गौड़ा और अन्य को इस मामले में नोटिस जारी किए