नई दिल्ली (नेहा): सऊदी अरब के स्लीपिंग प्रिंस के नाम से मशहूर अल वलीद बिन खालिद का 36 साल की उम्र में निधन हो गया। 2005 में लंदन में एक कार दुर्घटना के बाद वो पिछले 20 साल से कोमा में थे। उनका जन्म अप्रैल 1990 में हुआ था। प्रिंस अल वलीद, सऊदी अरब के एक शाही परिवार के सदस्य प्रिंस खालिद बिन तलाल अल सऊद के सबसे बड़े बेटे और अरबपति प्रिंस अल वलीद बिन तलाल के भतीजे थे।
15 साल की उम्र में, ब्रिटेन के एक मिलिट्री कॉलेज में पढ़ाई के दौरान वो एक दुखद सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए, जिससे उन्हें सिर पर गंभीर चोटें आईं और अंदरुनी खून बहा और उसके बाद से वो कोमा में ही थे।
प्रिंस वलीद बिन खालिद का इलाज अमेरिका और स्पेन के स्पेशलिस्ट कर रहे थे, उसके बाद भी वो कभी भी पूरी तरह से होश में नहीं आ पाए। दुर्घटना के बाद उन्हें रियाद के किंग अब्दुलअजीज मेडिकल सिटी में ले जाया गया, जहां वे लगभग दो दशकों तक निरंतर चिकित्सा देखभाल के तहत लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रहे।
पिछले 20 साल में प्रिंस वलीद ज्यादतर वक्त कोमा में ही रहे। हालांकि कभी-कभी उनके मूवमेंट से उम्मीद की किरण आती दिखाई देती रही और इसी वजह से उनके पिता प्रिंस खालिद बिन तलाल ने लाइफ सपोर्ट सिस्टम हटाने के सुझावों को सार्वजनिक रूप से ठुकरा दिया था। ईश्वर पर विश्वास करते हुए वो लगातार अपने बेटे का इलाज कराते रहे। उन्हें उम्मीद थी कि एक न एक दिन उनका बेटा जरूर ठीक हो जाएगा।
उनके निधन की पुष्टि करते हुए प्रिंस खालिद ने एक बयान में कहा, “अल्लाह के आदेश और नियति में पूर्ण विश्वास के साथ अत्यंत दुःख और शोक के साथ, हम अपने प्रिय बेटे प्रिंस अल-वालिद बिन खालिद बिन तलाल बिन अब्दुलअजीज अल सऊद के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं, अल्लाह उन पर दया करे, जिनका आज अल्लाह की दया से निधन हो गया।”